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जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ छोड़ चà¥à¤•े पà¥à¤°à¤£à¤¬ ने कहा, अकादमिक उतकृषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है, लेकिन उससे à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बेहतर इंसान बनने में मदद करना है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सामाजिक विविधता के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ जैसे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ और कोई à¤à¥€ पीछे नहीं छूटे, यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना चाहिà¤à¥¤
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¥‡ उपाय विकसित करने चाहिà¤, जो बेहतर वातावरण बना सकें, अपशिषà¥à¤Ÿ को समापà¥à¤¤ अथवा कम कर सकें और देश में सà¥à¤µà¤šà¥à¤›, रचनातà¥à¤®à¤• और सहयोगी समाज बना सकें। नेशनल इनà¥à¤¨à¥‹à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ फाउंडेशन-इंडिया की ओर से गांधीनगर के बाहरी इलाके में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अमरापà¥à¤° गांव के à¤à¤¨à¤†à¤ˆà¤à¤« परिसर में आयोजित समारोह में 16 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के 56 छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को उनके 29 नवोनà¥à¤®à¥‡à¤·à¥€ विचारों के लिये पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ृत किया गया।
मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ ने कहा कि वह पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ में दिखाये गये सà¥à¤•ूली बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विचारों से बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं। -(à¤à¤œà¥‡à¤‚सी)